tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post4121486164410194390..comments2023-11-05T18:19:51.693+05:30Comments on एक प्रयास: कृष्ण लीला .......भाग 32vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-31423506021786845592012-01-20T22:49:40.899+05:302012-01-20T22:49:40.899+05:30आज मैंने उस तस्वीर पर कविता पढ़ी जो मेरे रोम रोम मे...आज मैंने उस तस्वीर पर कविता पढ़ी जो मेरे रोम रोम में बसी है ..<br />शब्द नहीं हैं मेरे पास ..<br />आपका ब्लॉग फोल्लो करना चाहती हूँ ..कैसे करू<br />मार्गदर्शन करिए..<br />ओके ..widget सबसे नीचे था..देख लिया ..<br />फोल्लो कर रही हूँ ..RITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-17927356201745893672012-01-14T09:13:30.491+05:302012-01-14T09:13:30.491+05:30अति सुंदर व आनंददायक लीला चल रही है.अति सुंदर व आनंददायक लीला चल रही है.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-34351359018539313402012-01-13T23:03:45.312+05:302012-01-13T23:03:45.312+05:30कृष्ण लीला मन को मोह रही है ..अच्छी प्रस्तुतिकृष्ण लीला मन को मोह रही है ..अच्छी प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-59596773619917663552012-01-13T19:14:52.210+05:302012-01-13T19:14:52.210+05:30bahut achchi prastuti vandana jee.bahut achchi prastuti vandana jee.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-53019297466097923302012-01-13T18:27:40.606+05:302012-01-13T18:27:40.606+05:30कृष्ण की बाल -लीला तो अदभुत ही है ....पढकर मन आनं...कृष्ण की बाल -लीला तो अदभुत ही है ....पढकर मन आनंदित हो जाता हैरेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-54099911992870357182012-01-13T16:33:27.718+05:302012-01-13T16:33:27.718+05:30नित नए- नए खेल दिखाते हैं
मोहन के कर्म सभी को खूब...नित नए- नए खेल दिखाते हैं <br />मोहन के कर्म सभी को खूब सुहाते हैं <br /><br />बहुत सुंदर चल रही है यह श्रृंखला...आनंदमयी प्रस्तुति!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-42357660310737749072012-01-13T15:49:43.069+05:302012-01-13T15:49:43.069+05:30प्रीति नहीं कम होती कान्हा,
हमको कभी मनाने आना..प्रीति नहीं कम होती कान्हा,<br />हमको कभी मनाने आना..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-62530982232316701002012-01-13T14:33:19.306+05:302012-01-13T14:33:19.306+05:30इस रूप में कृष्ण लीला पढ़ने में आनंद आ रहा है ...आभ...इस रूप में कृष्ण लीला पढ़ने में आनंद आ रहा है ...आभार वंदनाAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-10083398995001823422012-01-13T12:54:05.680+05:302012-01-13T12:54:05.680+05:30बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपक...बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......<br />मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।Sanjuhttps://www.blogger.com/profile/00171018255400064717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-45154596243134282232012-01-13T12:49:39.899+05:302012-01-13T12:49:39.899+05:30बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपक...बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......<br />मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।Sanjuhttps://www.blogger.com/profile/00171018255400064717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-36337067755749481832012-01-13T12:29:13.601+05:302012-01-13T12:29:13.601+05:30कृष्ण छवि है मनोहारीकृष्ण छवि है मनोहारीरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-27667916847053793322012-01-13T11:40:00.371+05:302012-01-13T11:40:00.371+05:30हरेक आस्तिक अपने पैदा करने वाले को किसी न किसी नाम...हरेक आस्तिक अपने पैदा करने वाले को किसी न किसी नाम से याद करता ही है। जो जिस ज़बान को जानता है, उसी में उसका नाम लेता है। हरेक ज़बान में उसके सैकड़ों-हज़ारों नाम हैं। उसका हरेक नाम सुंदर और रमणीय है। ‘रमणीय‘ को ही संस्कृत में राम कहते हैं। ईश्वर से बढ़कर रमणीय कोई भी नहीं है। कोई उसका नाम ‘राम राम‘ जपता है तो कोई ‘अल्लाह अल्लाह‘ कहता है। अलग अलग ज़बानों में लोग अलग अलग नाम लेते हैं। योगी भी नाम लेता है और सूफ़ी भी नाम लेता है।<br />http://vedquran.blogspot.com/2012/01/sufi-silsila-e-naqshbandiya.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-48145193317810540502012-01-13T11:26:07.942+05:302012-01-13T11:26:07.942+05:30नित नए- नए खेल दिखाते हैं
मोहन के कर्म सभी को खू...नित नए- नए खेल दिखाते हैं <br />मोहन के कर्म सभी को खूब सुहाते हैं <br />किसी गोपी की मटकी फोड़ देते हैं तो <br />किसी के हाथ से माखन खाते हैं <br />किसी गोपी के बर्तन मांजा करते हैं <br />माखन के लालच में मोहन नित <br />नए- नए स्वांग रचाया करते हैं <br />गोपियाँ बलिहारी जाती हैं.<br /><br />भक्तिभावों से ओतप्रोत कमाल की<br />प्रस्तुति है आपकी.हम तो निहाल हैं <br />आपकी पावन लेखनी के.बहुत बहुत <br />आभार,वंदना जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-74490371273359990502012-01-13T11:12:57.891+05:302012-01-13T11:12:57.891+05:30Behtareen!Behtareen!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.com