tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post75292696711106399..comments2023-11-05T18:19:51.693+05:30Comments on एक प्रयास: भ्रम और सत्य के बीच स्थित तुमvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-85115132749279709262013-02-06T15:12:36.906+05:302013-02-06T15:12:36.906+05:30मोहन तो सबको नाच नचाते हैं ... कहाँ संभव होता है उ...मोहन तो सबको नाच नचाते हैं ... कहाँ संभव होता है उनका रहस्य जान पाएँ । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-57982830541831996472013-02-06T13:24:17.100+05:302013-02-06T13:24:17.100+05:30liladhari ke saty swarup ko jitna samjhne ki koshi...liladhari ke saty swarup ko jitna samjhne ki koshish karenge utna hi usme dubte jaayenge ............sundar bhav vandana jiDr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-46737194270717054402013-02-06T13:13:51.671+05:302013-02-06T13:13:51.671+05:30---सही कहा जो सुलभ होता है उस पर कौन कसीदे गढ़ता-का...---सही कहा जो सुलभ होता है उस पर कौन कसीदे गढ़ता-काढता है ...यही तो लीलाधारी की लीला है.... सुन्दर अभिव्यक्ति ..<br /><br />--- हाँ कविता अत्यंत लम्बी होने से वही तथ्य व भाव पुनः पुनः वर्णित होते हैं .... इससे कविता में दोष आजाता है... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-51647758706368170022013-02-06T10:05:02.349+05:302013-02-06T10:05:02.349+05:30सत्य और भ्रम की भूल भुलैया में भटकती बहुत ही सुन्द...सत्य और भ्रम की भूल भुलैया में भटकती बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ! नटनागर की इन लीलाओं के रहस्य जिस दिन खुल जायेंगे सब आसान न हो जाएगा ? जो सहज सुलभ हो जाए हर बात तो उसका आकर्षण, उसका प्रभाव कम न हो जाएगा ! यही तो वे नहीं चाहते इसीलिये भ्रमित किये रहते हैं ! बहुत सुन्दर रचना ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-87392651218731163902013-02-06T08:41:06.640+05:302013-02-06T08:41:06.640+05:30सुन्दरतम,भावात्मक प्रस्तुती,मुरलीधर की कृपा बनी रह...सुन्दरतम,भावात्मक प्रस्तुती,मुरलीधर की कृपा बनी रहे।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-83601851983486614632013-02-05T09:19:46.119+05:302013-02-05T09:19:46.119+05:30कृष्ण को समर्पित सुंदर भाव-सुमनकृष्ण को समर्पित सुंदर भाव-सुमनअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-50134808104132063152013-02-05T03:46:32.280+05:302013-02-05T03:46:32.280+05:30मोहना की मधुर मुरली ध्वनि और योगेश्वर की "गीत...मोहना की मधुर मुरली ध्वनि और योगेश्वर की "गीता" का समग्र ज्ञान इस नन्ही सी गगरी में उड़ेल दिया है आपने ! अति सुंदर रचना ! जोगन क्यूँ चिंता कर रही है ? नटराज की कृपा के बिना जोगन का इकतारा कभी मुखर नहीं हो सकता था ! उसकी तरफ से हम नत मस्तक हो उसके इष्ट मोहना को धन्यवाद देंगे और प्रार्थना करेंगे कि "वह" ऐसा सौभाग्य सब को दे ! हमारा आशीर्वाद स्वीकारिये !<br />Bhola-Krishnahttps://www.blogger.com/profile/02397604308408596994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-49293519781241190952013-02-04T22:41:30.088+05:302013-02-04T22:41:30.088+05:30क्रन्तिकारी कबिता पर अध्यात्मिक---
धन्यवाद. क्रन्तिकारी कबिता पर अध्यात्मिक---<br />धन्यवाद. सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-37081661002677183402013-02-04T22:24:34.861+05:302013-02-04T22:24:34.861+05:30मन की भाव हो या भावना हो,है क्या कोई बाह्य रूप
जा...मन की भाव हो या भावना हो,है क्या कोई बाह्य रूप <br />जानू मैं कैसे तुम्हे ,जब देखा नहीं कोई रंग रूप.<br />New post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/02/blog-post.html#links" rel="nofollow"> बिल पास हो गया</a><br />New post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/01/blog-post_31.html#links" rel="nofollow">अनुभूति : चाल,चलन,चरित्र</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-88336173470353832652013-02-04T22:00:04.171+05:302013-02-04T22:00:04.171+05:30कृष्ण मुरारी पर श्रद्धा बनी रहे
सुन्दर भक्ति भाव ...कृष्ण मुरारी पर श्रद्धा बनी रहे <br />सुन्दर भक्ति भाव से भरी रचना <br />सादर !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-20173112805746025262013-02-04T18:54:09.709+05:302013-02-04T18:54:09.709+05:30लीलाधारी तभी तो कहा गया है उन्हें..लीलाधारी तभी तो कहा गया है उन्हें..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-77971576267092201862013-02-04T18:33:26.869+05:302013-02-04T18:33:26.869+05:30भक्ति की सुन्दर गवेषणा प्रस्तुत की है आपने!भक्ति की सुन्दर गवेषणा प्रस्तुत की है आपने!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-69335187389474150242013-02-04T16:22:47.568+05:302013-02-04T16:22:47.568+05:30कृष्ण के एक नहीं कई रूप माने गए हैं, और सभी रूपों ...कृष्ण के एक नहीं कई रूप माने गए हैं, और सभी रूपों में उनकी महत्ता स्थापित होती है. कृष्ण को जितना समझो जितना जानो लगता कि पूर्णतः नहीं समझे. सम्पूर्ण संसार के रचयिता हैं, फिर ऐसी दुनिया क्यों? बहुत से सवाल, जवाब खुद में ही तलाशना होगा. बहुत सार्थक रचना, शुभकामनाएँ. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-35618492286858858492013-02-04T16:21:29.326+05:302013-02-04T16:21:29.326+05:30बात न भ्रम की
न सत्य की
तुम आर देखो पार देखो,मध्...बात न भ्रम की <br />न सत्य की <br />तुम आर देखो पार देखो,मध्य देखो <br />मैं हूँ - तुम प्रश्न में पाओ <br />समाधान में पाओ - मैं हूँ रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com