tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post9046063626801486606..comments2023-11-05T18:19:51.693+05:30Comments on एक प्रयास: ऐसा आखिर कब तक -----------अंतिम भागvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-73593657134334947032010-02-23T18:09:16.167+05:302010-02-23T18:09:16.167+05:30आज पूरी कहानी फिर से पढी। कहानी बहुत अच्छा थी बस क...आज पूरी कहानी फिर से पढी। कहानी बहुत अच्छा थी बस कथ्य की कमी कुछ खली। समाज मे शायद न तो समाज ही करता है और कानून तो है ही अन्धा जिस से कई ज़िन्दगियाँ बरबाद हो जाती हैं । अच्छा विषय चुना है, बधाई ।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-51113111367893184662010-02-21T17:49:51.776+05:302010-02-21T17:49:51.776+05:30saamajik bidamnoyon ka sundar chitra prastut kiya ...saamajik bidamnoyon ka sundar chitra prastut kiya hai aapne kahane ke madhayam se,bahut hi achhi laga.<br />Bahut badhai...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-84669021348767487682010-02-19T07:50:16.992+05:302010-02-19T07:50:16.992+05:30बेमेल रिश्तों की परिणति और कानून की शिथिलता को लेक...बेमेल रिश्तों की परिणति और कानून की शिथिलता को लेकर आपने सुन्दर कहानी लिखी है!<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-61836328723595328512010-02-18T20:25:57.606+05:302010-02-18T20:25:57.606+05:30कहानी सशक्त भाषा में लिखी होने के साथ-साथ अन्त:संघ...कहानी सशक्त भाषा में लिखी होने के साथ-साथ अन्त:संघर्ष का सफलतापूर्वक निर्वाह करती नज्ञर आती हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-25902622799328683602010-02-18T19:28:57.738+05:302010-02-18T19:28:57.738+05:30समाज की विडंवनाओं का सजीव चित्रण बहुत प्रवाहमय कहा...समाज की विडंवनाओं का सजीव चित्रण बहुत प्रवाहमय कहानी है धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-84288085707415160372010-02-18T15:58:17.620+05:302010-02-18T15:58:17.620+05:30सच में वंदना जी जितनी कहानी पढने पर उत्सुकता बढती ...सच में वंदना जी जितनी कहानी पढने पर उत्सुकता बढती जा रही थी आज कहानी के अंत तक आते आते और बढ़ गयी ,,, जिस तरह कहानी एक प्रवाह के साथ बढ़ रही थी उसका अंत भी उतना ही प्रवाह मय हो गया है बहुत ही बेहतरीन कहानी है<br />सादर<br />प्रवीण पथिक<br />9971969084प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-86295356022249247622010-02-18T14:57:33.793+05:302010-02-18T14:57:33.793+05:30bahut he achhi kahaani ka ant....
aabhaar!bahut he achhi kahaani ka ant....<br /><br />aabhaar!सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-43280079539061514922010-02-18T14:50:16.602+05:302010-02-18T14:50:16.602+05:30दोनो अंक आज ही पढ़े ... बहुत ही सार्थक और अच्छे वि...दोनो अंक आज ही पढ़े ... बहुत ही सार्थक और अच्छे विषय को उठाया है आपने इस कहानी के ज़रिए ..... हमारा समाज जो पता नही क्यों आज तक पुरातन रूदियों से जुड़ा हुवा है ... जो बातें अच्छी है उनको तो हम भुला देते हैं पर जो कुछ सड़ी गली मान्यताएँ हैं उनको आज भी ढो रहे हैं .. अच्छा संदेश देती है कहानी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-91972176984632227212010-02-18T13:31:07.171+05:302010-02-18T13:31:07.171+05:30बहुत अच्छी कहानी....समाज कि और कानून व्यवस्था कि क...बहुत अच्छी कहानी....समाज कि और कानून व्यवस्था कि कमियों को उजागर करती हुई ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-12066887082776615252010-02-18T12:53:26.032+05:302010-02-18T12:53:26.032+05:30बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है,बिलकुल सच्चाई के धरातल...बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है,बिलकुल सच्चाई के धरातल पर.....आज के हालातों को बयाँ करती हुई....कभी कभी तलाक के ये सख्त नियम पूरी ज़िन्दगी बर्बाद कर डालते हैं....ऐसे बेमेल विवाह के दुःख के बाद भी दीप्ती से मुलाकात होने पर आकाश, बची हुई ज़िन्दगी सुक्कों से काट सकता था...पर हमारी न्याय व्यवस्था ने उसकी ज़िन्दगी की सारी खुशियाँ रौंद डाली..<br />एक सार्थक कहानी...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-58821968280723270042010-02-18T11:40:57.447+05:302010-02-18T11:40:57.447+05:30आपने समाज के इस खोखले कानून के साथ ही साथ आज के का...आपने समाज के इस खोखले कानून के साथ ही साथ आज के कानून पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है .. बहुत सटीक कहानी .. बहुत सुदर ढेग से लिखा .. बधाई आपको !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-44663113632543977642010-02-18T11:29:13.096+05:302010-02-18T11:29:13.096+05:30एक सही मायने में बेमेल रिश्ता क्या होता है इसको पर...एक सही मायने में बेमेल रिश्ता क्या होता है इसको परिभाषित करती बहुत सुन्दर कहानी थी वंदना जी , हालांकि मेरे जैसे इंसान को कहानी के बीच में "क्रमश: " शब्द बड़ा अप्रिय लगता है फिर भी कहानी के शुरू से अंत तक रोचकता बनी रही !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com