tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post1941922641085128400..comments2023-11-05T18:19:51.693+05:30Comments on एक प्रयास: धू धू कर जल रही है चिता मेरी vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-15519099794207296152013-12-17T09:53:11.397+05:302013-12-17T09:53:11.397+05:30इन्हीं अलंकारों में आकार पाता प्रेम का अतृप्त जीवन...इन्हीं अलंकारों में आकार पाता प्रेम का अतृप्त जीवन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-53385157588388135022013-12-14T12:46:24.620+05:302013-12-14T12:46:24.620+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुतिबहुत सुन्दर प्रस्तुतिचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-20884781841597240712013-12-14T12:46:02.093+05:302013-12-14T12:46:02.093+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुतिबहुत सुन्दर प्रस्तुतिचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-78211220225639543982013-12-14T09:53:08.560+05:302013-12-14T09:53:08.560+05:30prem ki utkrisht abhiwayakti ...prem ki utkrisht abhiwayakti ...Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-67630728349133349782013-12-14T06:00:26.381+05:302013-12-14T06:00:26.381+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (14-12-13) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/12/charcha1461.html" rel="nofollow"> "वो एक नाम" (चर्चा मंच : अंक-1461) </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-61977370791755554252013-12-13T19:05:36.991+05:302013-12-13T19:05:36.991+05:30पीर फ़क़ीर दरवेश
मीरा राधा रुक्मणी
बस अलंकार से ...पीर फ़क़ीर दरवेश <br />मीरा राधा रुक्मणी <br />बस अलंकार से लगते हैं <br />जिन्हें सजा दूं किसी पंक्ति में <br /><br />न चाहते हुए भी कहीं न कहीं प्रेम में अहं आ ही जाता है..जहां अहं न हो वहां ही प्रेम रह सकता है..दिक्कत है कि इंसानी प्रेम ऐसा ही होता है....न तो हर जगह कृष्ण मिल सकते हैं न ही राधा, रुक्मणी और मीरा....यहां तो जो आज मीरा होती है वो अचानक रंग बदल लेती है जिसे कृष्ण समझा जाता है वो कंस निकल जाता है। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-48365813548059647782013-12-13T16:12:39.317+05:302013-12-13T16:12:39.317+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपकी इस प्रविष्टि् की चर...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (14-12-2013) <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"> "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1461 </a> पर होगी.<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.<br />सादर...!<br />Rajeev Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/12748535881221017180noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-47408667542298604952013-12-13T14:03:13.901+05:302013-12-13T14:03:13.901+05:30अति सुन्दर कृति..अति सुन्दर कृति..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.com