tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post2608081459818100378..comments2023-11-05T18:19:51.693+05:30Comments on एक प्रयास: अमर प्रेम --------भाग १२vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-17180407090003856352009-10-04T00:20:23.704+05:302009-10-04T00:20:23.704+05:30कहानी अनुभव के दायरे में क्रमशः आगे बढ़ रही है।कहानी अनुभव के दायरे में क्रमशः आगे बढ़ रही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-7707183294443489312009-10-03T19:15:12.888+05:302009-10-03T19:15:12.888+05:30त्याग बहुत मुश्किल और तकलीफ देह भी होता है । अच्छी...त्याग बहुत मुश्किल और तकलीफ देह भी होता है । अच्छी चल रही है कहानी अगली कडी का इन्तज़ार रहेगा पिछ्ली कडी भी फिर पढी आभारनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-41284641745871549302009-10-03T18:57:50.847+05:302009-10-03T18:57:50.847+05:30kahani achci lagi hai...utsukta bani hui hai.........kahani achci lagi hai...utsukta bani hui hai...... ab aage ka intezaar.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4960090522240028181.post-34827728866776873662009-10-03T15:13:15.375+05:302009-10-03T15:13:15.375+05:30"....उधर अजय अपने वादे पर अटल था ------------..."....उधर अजय अपने वादे पर अटल था ------------दोबारा कभी न मिलने का वादा। अब उसने अर्चना को पुकारना छोड़ दिया था शायद अर्चना से मिलकर उससे अपना हाल-ए-दिल कहकर अजय को वक़्ती सुकून मिल गया था मगर फिर भी एक उदासी हर पल उसके जेहन पर छाई रहती ।"<br /><br />कहानी का ये मोड़ ......<br />देखकर उत्सुकता बढ़ गई है।<br />अगली कड़ी का इन्तजार है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com