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गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023
एक टुकड़ा चाँद का
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उदासी की रेत से घरौंदे नहीं बना करते और मैंने तो पूरा महल बना लिया था जिसके हर कोने में , हर झरोखे में सिवाय स्...
शनिवार, 21 मई 2022
तुलसी शालिग्राम संयोग .....एक प्रश्नचिन्ह
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1 जार जार है अस्मिता मेरी आज भी व्यथित हूँ , उद्वेलित हूँ , मर्मान्तक आहत हूँ करती हूँ जब भी आकलन पाती हूँ खुद को ठगा हुआ मेरा...
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