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शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

मेरे मन मधुबन में आओ

मेरे मन  मधुबन में आओ-२-
श्याम हम झूला झूलें रे 


प्रेम के हिंडोले पर मुझको बिठाकर
श्याम प्रीत की पींगे बढ़ावो रे
श्याम हम .............................


रास रंग में मुझको रंगाकर
श्याम प्रीत की माँग सजावो रे
श्याम हम.................................

डर डर जाऊं जब मैं वैरागन 
श्याम प्रेम से गले लगावो रे
श्याम हम ........................

23 टिप्‍पणियां:

  1. श्यामभक्ति में सरावोर सुन्दर भजन!
    गुनगुनाने में आनन्द आ रहा है!

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  2. लोहड़ी, मकर संक्रान्ति एवं उत्तरायणी की हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएँ!
    --
    छत पर जाओ!
    पतंग उड़ाओ!

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  3. बड़ा प्यारा स्नेह आवाहन ....
    शुभकामनायें !

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  4. बहुत ही सुन्‍दर भावों का संगम ...।

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  5. लोहड़ी, मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई

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  6. प्रेम-श्रद्धा्मय भक्ति गीत!! अभिनन्दन

    लोहड़ी,पोंगल और मकर सक्रांति : उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

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  7. कृष्ण को साधिकार बुलाती पंक्तियाँ।

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  8. वंदना गुप्ता जी आपने ब्रज की याद दिला दी| जय हो बांके सँवरिया की|

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  9. श्याम के प्रेम में डूब कर लिखी गई रचना.. भक्ति रस में हमें भी डूबा गई..

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  10. एक बार फिर से..श्याम-प्रेम में विभोर रचना , मन आह्लादित कर गयी

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