ज़िन्दगी के अस्तबल का
बेलगाम घोडा
तमन्नाओं, आरजूओं ,
हसरतों के रथ पर
रथारूढ़ हो
पवनवेग से
दौड़ता जाता है
कहीं कोई अंकुश नही
बेपरवाह, लापरवाह
वक़्त के सीने पर
पाँव रख
आसमान को
छूने की
चाहत में
बिन पंख उड़ा जाता है
मगर एक दिन
पंख कटे पंछी की
मानिन्द
यथार्थ के धरातल पर
जब फडफडा कर
गिरता है
उस पल
हर आरजू, हर ख्वाहिश
धूल धूसरित हो जाती है
और वक़्त के हाथों
घायल ये जर्जर मन
अपने अस्तित्व बोध
को प्राप्त हो
अन्तस्थ में विलीन
हो जाता है
aafareen aafareen Vandana ji..
जवाब देंहटाएंfollower bann gaya hoon aata rahunga!
bahut khoob ,
जवाब देंहटाएंbadhaii sweekariye.
बिल्कुल सटीक!
जवाब देंहटाएंजो इस घोड़े को लगाम लगा लेता है,
वो सँवर जाता है!
जो आवारा छोड़ देता है
वो...........!
ओह्ह कटु सत्य बयाँ कर दिया आपने तो...यथार्थपरक पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंसपने और यथार्थ का अच्छा चित्रण ,यही जिंदगी है
जवाब देंहटाएंजीवन की सच्चाई बयान की है आपने .. बहुत सटीक लिखा है!!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंसच में सच्चाई बयाँ करती सुंदर कविता.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति वंदना जी ...बधाई.
जवाब देंहटाएंबेहद सटीक, सार्थक और शिक्षाप्रद - "बेलगाम घोडा". "अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत" ना कहना पड़े इसलिए समय रहते इस पर "लगाम" लगाना अतिआवश्यक है.
जवाब देंहटाएंशायद इसलिए ग्यानि कहते हैं ....... मन को बांधो ........नियम में रहना सीखो नही तो ये बेलगाम घोड़े ही उड़ान का अंत ऐसे ही होगा ............. बहुत अच्छा संदेश छिपा है इस रचना में ..........
जवाब देंहटाएंवंदना जी लाजवाब रचना...बधाई...
जवाब देंहटाएंनीरज
yes jeevan isi ka naam he, belagaam ghoda kah le yaa kuchh..is par lagaam to mruty bhi nahi lagaa saki he...
जवाब देंहटाएंvese
utkrasht rachnaa he.
जीवन की अभिव्यक्ति का सच।
जवाब देंहटाएंइस शानदार रचना के लिए बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट पढ़कर तो आनन्द आ गया!
जवाब देंहटाएंइसे चर्चा मंच में भी स्थान मिला है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/01/blog-post_28.html
मन की आरज़ू और तमन्नाओं को बहुत खूबसूरती दे उकेरा है...खूबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंवाह क्या मन की घुड़दौड़ का वर्णन किया है..यही काबू में आ जाए तो संसार का चक्र रुक न जाए..कुछ हद तक काबू में आए तो जीवन खुशहाल न हो जाए......बढ़िया कविता...
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 06-12 -2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं....
सफ़ेद चादर ..... डर मत मन ... आज की नयी पुरानी हलचल में ....संगीता स्वरूप
. .
ख़ूबसूरत भाव संजोये है, आपने !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
bahut sundar abhivyakti , badhai
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन .......
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