पेज

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

सखी री ............बस ऐसो फाग खिला दे


सखी
सुना  है फाग है आया
पर मेरा मन न हर्षाया
प्रीतम मेरे पास नही हैं
कहो कैसे फाग मनाऊँ
प्रीत की होरी में सखी री
कौन सा रंग भरूँ
जो रच बस जाए
उनके अंतरपट पर
छूटे ना सारी उमरिया
मैं दीवानी उनके दीदार की
मैं मस्तानी उनके प्यार की
किस विधि खेलूँ होरी
सखी री
कोई संदेसा तू ही ला दे
मोहे उन संग फाग खिला दे
प्रेम रस में मैं भीज जाऊं
ऐसो मो पे रंग वो डार दें
सखी री .............
कोई ऐसो जतन  करा दे
पाँव पडूँ तोरे , करूँ  निहोरे
मुझे पी से मेरे मिला दे
मुझमे प्रेम रस छलका दे
मुझे उनकी दीवानी बना दे
जो कोई देखे मुझको सखी री
मुझमे उनकी सूरतिया दिखा दे
मोहे ऐसो फाग खिला दे
अबकी मोहे ऐसो फाग खिला दे
तन मन भीजे
प्रेम ना छीजे
कोई ऐसो चूनर ओढा दे
सखी री ..........प्रीतम से मिलवा दे
सखी री ..........प्रेम झांझरिया बजा दे
सखी री ..........रंग मुझमे है मैं रंग में हूँ
कोई पता ना पावे
मो पे ऐसो रंग चढ़ा दे ........
सखी री .........मुझे उनकी बावरिया बना दे
सखी री ..........मेरो फाग रंगों से महका दे
मेरो सांवरिया मिलवा दे
चाहे कौड़ी को बिकवा दे .....मोहे
सखी री ............अब की ऐसो फाग खिला दे
जन्म जन्म की साध पूरी करवा दे
मोहे श्याम रंग में रंगवा दे .........
सखी री ............बस ऐसो फाग खिला दे 


उदंती के मार्च अंक में प्रकाशित निम्न लिंक पर 
http://www.udanti.com/2013/03/blog-post_1220.html

18 टिप्‍पणियां:

  1. होली ही नहीं ... अप्रतिम प्रेम की रस धारा लिए .. फाल्गुनी रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रेम के रंग में रंगने की ख़्वाहिश लिए सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  3. होली के रँग तन को केवल नहीं,रंग देते हैं मन को
    प्रीत हृदय को रंगती,अंकित कर जाती कोरे जीवन को !

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रिय विरह में प्रेम रंग में रंगने की उत्कंठा का सुन्दर प्रस्तुतीकरण ...

    जवाब देंहटाएं

  5. बहुत सुन्दर ...
    पधारें "चाँद से करती हूँ बातें "

    जवाब देंहटाएं
  6. फाग जब आता है...तो ऐसे ही सर चढ़ के बोलता है...शुभ होलिकोत्सव आपको...सपरिवार...

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!
    --
    आपको रंगों के पावनपर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रेम रंग में रंगी
    बहुत ही सुन्दर रचना...
    होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    :-)

    जवाब देंहटाएं

  9. बहुत खूब .सुन्दर प्रस्तुति. आपको होली की हार्दिक शुभ कामना .



    ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी आज होली है प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .

    जवाब देंहटाएं

आप सब के सहयोग और मार्गदर्शन की चाहत है।