कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
मैं तो जानूं सिर्फ प्रेम को नाता
तुम ही तो अडचनें लगाये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
लोभ मोह अहंकार की बेड़ियाँ
कैसे तुझे दीख जाएँ
मैं तो जानूं प्रेम को नाता
आ प्रेम को रंग में रंग जाएँ
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
कैसे कैसे तू जाल बिछाए
मोह माया में मोहे अटकाए
फिर चाहे तेरे रंग, रंग जाऊं
सब कुछ छोड़ द्वार तिहारे आऊँ
तू फिर भी ना अपनाए
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मैंने ओढ़ी प्रीत चुनरिया
जिसमे लागी अंसुवन लड़ियाँ
और ना राह कोई नज़र मोहे आये
मन पर इक श्याम रंग ही चढत है
दूजा न कोई रंग मोहे भाये
अब बता जरा कौन से रंग में
चूनर रंग लूँ जो तेरे मन को भाये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
तुमने मुझको मुझसे छीन लिया है
अपने वश में मन मेरा किया है
जीवन की अब सिर्फ रीत निभाती हूँ
प्रीत तो सिर्फ तुम्ही से निभाती हूँ
फिर भी मेरी प्रीत तुझे समझ ना आये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
मन का जोग ले लिया है
सिर्फ तन ही दुनिया को दिया है
फिर भी संदेह के बादल छितराए
तुझे इतना भी न भाये
बता फिर कैसे हम जी पाएं
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
मैं तो जानू प्रेम का रंग .....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....!!
होली मुबारक .....!!
आपको होली कि हार्दिक बधाइयां !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर,आपको होली शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंlatest post धर्म क्या है ?
bahut sunder anubhuti
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
bahut sunder abhivyakti
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
bahut khoobm holi ki subhkamnaye
जवाब देंहटाएंbahut khoobm holi ki subhkamnaye
जवाब देंहटाएंsundar, holi ki mangalkamnuyen
जवाब देंहटाएंकितने रंग लगाओ कान्हा,
जवाब देंहटाएंश्याम रहे बस श्याम।