अखण्ड जोत प्यासी है
हरि दर्शन की अभिलाषी है
तन मन भीगा राम रस मे
फिर भी देखो प्यासी है
तृष्णा सारी मिट गयी
पल पल देखो जल रही है
प्रभु विरह में पल रही है
घर आँगन रौशन कर रही
प्रभु स्नेह को तरस रही है
ये कैसी तुम्हारी महिमा न्यारी है
दर्शन दे दो कृपानिधान
जन्म जन्म की प्यासी है
ये तुम्हारी दिव्य ज्योति सुकुमारी
दिव्य दर्शनों की अभिलाषी है
अखंड जोत प्यासी है
प्रभु अखंड जोत प्यासी है .............
गुरु पूर्णिमा पर :
ज्ञान की ज्योत जगाई
भक्ति की अलख लगाई
गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाती
आनन्दघन से कहाँ मिल पाती
धन्य धन्य हो गयी आज
जो खुदाई नूर से हो गयी लाल
श्री गुरु चरणों में शत - शत नमन
https://www.youtube.com/watch?v=1X6-cYyz134
गुरु पूर्णिमा पर :
ज्ञान की ज्योत जगाई
भक्ति की अलख लगाई
गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाती
आनन्दघन से कहाँ मिल पाती
धन्य धन्य हो गयी आज
जो खुदाई नूर से हो गयी लाल
श्री गुरु चरणों में शत - शत नमन
https://www.youtube.com/watch?v=1X6-cYyz134
गुरुकुल को शत शत नमन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
गुरू पूर्णिमा पर सभी गुरुजनों को नमन!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन जानिए क्या कहती है आप की प्रोफ़ाइल फोटो - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंBhagwan kare tum itna badhiya hamesha likhti raho!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंlatest दिल के टुकड़े
latest post क्या अर्पण करूँ !
बहुत सुन्दर. सभी गुरुओं को नमन ! शुभकामनाएँ.
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