साँवरे रसिया रे
होली के बहाने आ जा
साँवरे रसिया रे
मोहे अपने रंग में रंग जा
आज मोहे रंग भाये न दूजा
श्याम रंग में ही रंग जा
साँवरे रसिया रे
एक बार गले लग जा
साँवरे रसिया रे
प्रीत को अमर कर जा
सखिया सभी रंगी खड़ी हैं
मेरी चूनर सूखी पड़ी है
तू ही आकर भिगो जा
साँवरे रसिया रे
फाग का राग बन जा
साँवरे रसिया रे
इस होली मेरी गली फिर जा
लालम लाल हो जाउंगी
तेरे ही रंग में रंग जाऊंगी
जो तू फाग मुझ संग मना जा
साँवरे रसिया रे
होली के बहाने आ जा
साँवरे रसिया रे
मेरे अंग अंग में बस जा
4 टिप्पणियां:
होली की हार्दिक शुभकामनाये।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-03-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2291 में दिया जाएगा
धन्यवाद
सुन्दर रचना
सार्थक प्रस्तुति...
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