अर्धविराम की अवस्था हो
मगर राह ना सूझती हो
वर्णसंकर सी पगडण्डी हो
मगर राही ना कोई दिखता हो
अन्जान द्वीपों सी भटकन हो
मगर रूह ना कोई मिलती हो
एक आखिरी दांव खेला हो
और पासा भी उल्टा ही पड़ा हो
बताओ तो ज़रा फिर
चौसर के खेल में
कब शकुनी कोई जीता है और धर्मराज कोई हारा है ...........पूर्णविराम से पहले !!!!!!!!
मगर राह ना सूझती हो
वर्णसंकर सी पगडण्डी हो
मगर राही ना कोई दिखता हो
अन्जान द्वीपों सी भटकन हो
मगर रूह ना कोई मिलती हो
एक आखिरी दांव खेला हो
और पासा भी उल्टा ही पड़ा हो
बताओ तो ज़रा फिर
चौसर के खेल में
कब शकुनी कोई जीता है और धर्मराज कोई हारा है ...........पूर्णविराम से पहले !!!!!!!!
6 टिप्पणियां:
अर्धविराम की स्थिति है यह।
Kaise kah deti ho itna sundar!
सही सवाल है।
निर्णायक क्षण के बाद ही पूर्णविराम आयेगा, शेष सब उसी का इंतज़ाम है!
पूर्णविराम से पहले अंत कहाँ होता है ॥गहन अभिव्यक्ति
पूर्णविराम की नियति यही होती है!
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