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बुधवार, 22 मई 2013

पूर्णविराम से पहले !!!!!!!!

अर्धविराम की अवस्था हो
मगर राह ना सूझती हो
वर्णसंकर सी पगडण्डी हो
मगर राही ना कोई दिखता हो
अन्जान द्वीपों सी भटकन हो
मगर रूह ना कोई मिलती हो
एक आखिरी दांव खेला हो
और पासा भी उल्टा ही पड़ा हो
बताओ तो ज़रा फिर
चौसर के खेल में
कब शकुनी कोई जीता है और धर्मराज कोई हारा है ...........पूर्णविराम से पहले !!!!!!!!

6 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अर्धविराम की स्थिति है यह।

kshama ने कहा…

Kaise kah deti ho itna sundar!

मनोज कुमार ने कहा…

सही सवाल है।

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

निर्णायक क्षण के बाद ही पूर्णविराम आयेगा, शेष सब उसी का इंतज़ाम है!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

पूर्णविराम से पहले अंत कहाँ होता है ॥गहन अभिव्यक्ति

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

पूर्णविराम की नियति यही होती है!