मेरे मन मधुबन में आओ-२-
श्याम हम झूला झूलें रे
प्रेम के हिंडोले पर मुझको बिठाकर
श्याम प्रीत की पींगे बढ़ावो रे
श्याम हम .............................
रास रंग में मुझको रंगाकर
श्याम प्रीत की माँग सजावो रे
श्याम हम.................................
डर डर जाऊं जब मैं वैरागन
श्याम प्रेम से गले लगावो रे
श्याम हम ........................
23 टिप्पणियां:
श्यामभक्ति में सरावोर सुन्दर भजन!
गुनगुनाने में आनन्द आ रहा है!
लोहड़ी, मकर संक्रान्ति एवं उत्तरायणी की हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएँ!
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छत पर जाओ!
पतंग उड़ाओ!
बड़ा प्यारा स्नेह आवाहन ....
शुभकामनायें !
जय श्री कृष्णा....
बहुत सुन्दर भक्ति गीत
फाल्गुन का रंग चढ़ने लगा है!
chhute na rang aisi... rang hi rang hai isme
बहुत ही सुन्दर भावों का संगम ...।
mere madhuban mein aao re!
लोहड़ी, मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
प्रेम-श्रद्धा्मय भक्ति गीत!! अभिनन्दन
लोहड़ी,पोंगल और मकर सक्रांति : उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
कृष्ण को साधिकार बुलाती पंक्तियाँ।
मकर संक्रान्ति की हार्दिक बधाई !
बहुत ही सुन्दर!
वंदना गुप्ता जी आपने ब्रज की याद दिला दी| जय हो बांके सँवरिया की|
bhaktibhav se paripurn sundar bhajan..
वंदना जी, बड़ा प्यारा गीत है। बधाई स्वीकारें।
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डा0 अरविंद मिश्र: एक व्यक्ति, एक आंदोलन।
एक फोन और सारी समस्याओं से मुक्ति।
बहुत ही सुंदर रचना.....बधाई...
सुन्दर अभिव्यक्ति ।
श्याम के प्रेम में डूब कर लिखी गई रचना.. भक्ति रस में हमें भी डूबा गई..
waah vandana ji bahut sunder rachna
एक बार फिर से..श्याम-प्रेम में विभोर रचना , मन आह्लादित कर गयी
sundar rachana
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