कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
मैं तो जानूं सिर्फ प्रेम को नाता
तुम ही तो अडचनें लगाये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
लोभ मोह अहंकार की बेड़ियाँ
कैसे तुझे दीख जाएँ
मैं तो जानूं प्रेम को नाता
आ प्रेम को रंग में रंग जाएँ
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
कैसे कैसे तू जाल बिछाए
मोह माया में मोहे अटकाए
फिर चाहे तेरे रंग, रंग जाऊं
सब कुछ छोड़ द्वार तिहारे आऊँ
तू फिर भी ना अपनाए
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मैंने ओढ़ी प्रीत चुनरिया
जिसमे लागी अंसुवन लड़ियाँ
और ना राह कोई नज़र मोहे आये
मन पर इक श्याम रंग ही चढत है
दूजा न कोई रंग मोहे भाये
अब बता जरा कौन से रंग में
चूनर रंग लूँ जो तेरे मन को भाये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
तुमने मुझको मुझसे छीन लिया है
अपने वश में मन मेरा किया है
जीवन की अब सिर्फ रीत निभाती हूँ
प्रीत तो सिर्फ तुम्ही से निभाती हूँ
फिर भी मेरी प्रीत तुझे समझ ना आये
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
मन का जोग ले लिया है
सिर्फ तन ही दुनिया को दिया है
फिर भी संदेह के बादल छितराए
तुझे इतना भी न भाये
बता फिर कैसे हम जी पाएं
सांवरे
कौन सा रंग तोहे भाये
मोहे समझ न आये
9 टिप्पणियां:
मैं तो जानू प्रेम का रंग .....
बहुत खूब ....!!
होली मुबारक .....!!
आपको होली कि हार्दिक बधाइयां !!
बहुत सुन्दर,आपको होली शुभकामनाएं
latest post धर्म क्या है ?
bahut sunder anubhuti
आपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
bahut sunder abhivyakti
आपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
bahut khoobm holi ki subhkamnaye
bahut khoobm holi ki subhkamnaye
sundar, holi ki mangalkamnuyen
कितने रंग लगाओ कान्हा,
श्याम रहे बस श्याम।
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