साथ मे मोहन को भी लाना
हिल मिल फिर बंसी बजाना
करो कलोल मिल बांके
राधे राधे तेरे दर्शन को हम हैं प्यासे
मेरे मन मधुबन मे डेरा लगाना
श्याम के संग रास रचाना
मुझे भी अपनी सखी बनाना
मधुर रस बरसा के
राधे राधे तेरे दर्शन को हम हैं प्यासे
अव्यक्त को व्यक्त कर जाना
मुझे भी अपना दरस कराना
प्रेम रस ज़रा छलकाना
प्रेम सुधा के हम प्यासे
राधे राधे तेरे दर्शन को हम हैं प्यासे
12 टिप्पणियां:
राधे राधे -
शाम मिला दे
आलोकिक प्रेम रस में डूबी सुन्दर रचना ...
जय जय राधे
नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें नरेन्द्र से नारीन्द्र तक .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
भक्ति रस से परिपूर्ण सुंदर रचना
जय जय राधे रटते जा ,प्रेम का रस पीते जा
latest post वासन्ती दुर्गा पूजा
LATEST POSTसपना और तुम
बहुत ही उम्दा कविता
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
नवरात्रों और नवसम्वतसर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
आदरणीया वंदना जी जय श्री राधे
मेरे मन मधुवन में डेरा लगाना मन आनंदित हुआ ..सुंदर
आभार
भ्रमर५
वाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर मनभावन भक्तिपूर्ण रचना | जय श्री राधे | नवरात्री और नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
वाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर मनभावन भक्तिपूर्ण रचना | जय श्री राधे | नवरात्री और नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |
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