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रविवार, 2 मई 2010

"मोहब्बत " हो गयी

तुझे देखा
नहीं हुई
तुझे पाया 
नहीं हुई
तुझे चाहा
नहीं हुई
मगर 
जिस दिन
तुझे जाना
"मोहब्बत "
हो गयी

23 टिप्‍पणियां:

kulwant happy ने कहा…

तुझे जानना...अद्भुत। बिल्कुल सत्य। रचना बेहतरीन है।

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

कविता तो अच्छी है ही ... पर आपने जो बात कही है वो मुझे बहुत अच्छी लगी ... ये सच है की ज्यादातर लोग जिसे मोहब्बत समझते हैं ... वो तो मात्र केवल एक आकर्षण है ... सच्छी मोहब्बत तो तब होती है जब हम एक दुसरे को जान पाते हैं, समझ पाते हैं !

लिमटी खरे ने कहा…

वाह इसे ही कहते हैं मोहब्‍बत बहुत बढिया वन्‍दना जी बहुत ही सुंदर इसी तरह लिखते रहिए

अरुणेश मिश्र ने कहा…

आदरणीया वन्दना जी , रचना तो गूँगे का गुड़ है ।
आप ने ऐसे कह दिया
जैसे कहा ही न हो
ऐसे छू दिया
जैसे छुआ ही न हो ।

M VERMA ने कहा…

जिस दिन
तुझे जाना
"मोहब्बत "
हो गयी
कुछ अलग सा एहसास है मोहब्बत
सकून देता मखमली घास है मोहब्बत

Udan Tashtari ने कहा…

सच है...जानना बहुत जरुरी है बिना उसके तो सिर्फ आकर्षण हो सकता है.

बेहतरीन अभिव्यक्ति.

Himanshu Mohan ने कहा…

जारी रहिए। बढ़िया लिख रही हैं आप।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

16 aane sach baat. badhayi.

kshama ने कहा…

Vandana, badi saral sahajtase apni baat rakhti ho...shabdonka kahin aadambar nahi..!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कम शब्दों में मुहब्बत का फलसफा बयां कर दिया...बहुत खूब

श्यामल सुमन ने कहा…

जानने के बाद मुहब्बत - यही तो सच्ची मुहब्बत है।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

बिलकुल वैसे ही जैसे....देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर...............
बहुत ही गहराई तक जाती हैं ये कविता....
आजकल बिना जाने ही तो प्यार हो रहा है....
बहुत सुन्दर
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

वंदना जी,
हमें भी मोहब्बत हो गयी है....आप से...आपकी लेखनी से...आपकी सोच से....आपकी मासूमियत से जो आपकी कविताओं में झलकती है!
लिखते रहिएगा!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

कमाल का मुक्तक है!
--
बिल्कुल ज़मीन से जुड़ा हुआ!
--
मुहब्बत के लिए जान-पहचान बहुत बड़ी चीज है!

rashmi ravija ने कहा…

bade kam shabdon me gahri baat kah di...bahut khoob

Khushdeep Sehgal ने कहा…

'शहीद' को मेरा नमन...

जय हिंद...

Ra ने कहा…

कम शब्दों में गहरी बात........... मान गए भई ....
http://athaah.blogspot.com/2010/04/blog-post_29.html

Shekhar Kumawat ने कहा…

BAHUT KHUB

BADHAI AAP KO IS KE LIYE

Narendra Vyas ने कहा…

sundar...keep it up..thanks

Narendra Vyas ने कहा…

bahut gaharee abhivyakti mohabaat kee..aage aisee hee rachnaaon kee pratiksha rahegii...aabhar !!

Renu Sharma ने कहा…

aakhir ho hi gai....

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) ने कहा…

vandana ji bhut hi kam shbado me aap ne vastivkkta vyakt kar di sach me sachhi mohabbat to jaane ke baad hi hoti hai

शरद कोकास ने कहा…

मतलब सब कुछ स्टेप वाइज़ हुआ ।