देख रहे हो मानवी लीला
नव वर्ष आया
सबके लिए खुशियों के
उपहार लाया
हर चेहरा है खिलखिलाया
और जानती हूँ
तुमने ही मुँह फुलाया है
देखो माधव
मुँह ना फुलाओ
जरा तुम भी मुस्काओ
क्या , क्या कहा
तुम्हें किसी ने मुबारकबाद नहीं दी
इसलिए बेचैन हो
सुनो मोहन ,चितचोर , सांवरे
हर रूप में तुम ही तो हो
इसलिए उन्हें कहूँ या तुम्हें
क्या कोई फर्क पड़ता है
और यदि पड़ता है तो
लो प्यारे
देती हूँ तुम्हें शुभकामनाएँ
तुम भी सारा साल , सारी कायनात तक
बस अपनी राधे संग मुरली बजाते रहो
मुस्काते रहो
और मुझे अपनी बावरी बनाते रहो
ए ………… देते देते लेने की अदा तुम्ही से सीखी है मोहन
फिर चाहे शुभकामनाएं ही क्यों ना हों :)
वैसे एक सच बताऊँ
तुम्हें शुभकामना दिये बिना
मैं भी अधूरी ही रहती
अब चाहे तुम रूठते या नहीं
बस यही है मेरी और मेरे जीवन की प्रथम और अन्तिम परिणति
10 टिप्पणियां:
प्यार,मनुहार हर जगह तुम हो,तुमसे ही है सब
गले लगा तुम कहो - 'नया साल बाँसुरी की मीठी धुन हो'
आपके भोले से अटपटे भाव मन को छू लेते हैं.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ वंदना जी.
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 02-01-2014 को चर्चा मंच पर दिया गया है
आभार
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 02-01-2014 को चर्चा मंच पर दिया गया है
आभार
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
गये साल को है प्रणाम!
है नये साल का अभिनन्दन।।
लाया हूँ स्वागत करने को
थाली में कुछ अक्षत-चन्दन।।
है नये साल का अभिनन्दन।।...
--
नवल वर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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गये साल को है प्रणाम!
है नये साल का अभिनन्दन।।
लाया हूँ स्वागत करने को
थाली में कुछ अक्षत-चन्दन।।
है नये साल का अभिनन्दन।।...
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नवल वर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
नव वर्ष पर सुंदर कबिता हेतु बहुत-बहुत बधाई----.
खुबसूरत अभिवयक्ति.....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। । नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
waahh atisundar prastuti .. bhagwan ko to sabse pahle shubhkamnaye dete hai unhone nya saal dikha diya fir se :)
happy new yr
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