कैसे तुम्हारा वंदन करूँ
कैसे तुम्हारा अभिनन्दन करूँ
किस सूरज की लालिमा से
माथे पर तुम्हारे तिलक करूँ
किस चन्द्रमा की चांदनी से
मन्दिर तेरा आप्लावित करूँ
किन तारों की माला गुन्थूं
किस इन्द्रधनुषी रंग से
श्याम तेरा श्रृंगार करूँ
किस ओंकार के नाद से
ब्रह्माण्ड की गुंजार करूँ
श्याम कैसे तुम्हारा वंदन करूँ मैं
कैसे तुम्हें नमन करूँ
कैसे तुम्हारा अभिनन्दन करूँ
किस सूरज की लालिमा से
माथे पर तुम्हारे तिलक करूँ
किस चन्द्रमा की चांदनी से
मन्दिर तेरा आप्लावित करूँ
किन तारों की माला गुन्थूं
किस इन्द्रधनुषी रंग से
श्याम तेरा श्रृंगार करूँ
किस ओंकार के नाद से
ब्रह्माण्ड की गुंजार करूँ
श्याम कैसे तुम्हारा वंदन करूँ मैं
कैसे तुम्हें नमन करूँ