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गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014

नवदुर्गा के पूजन यही उद्देश्य है बतलाया


महागौरी सिद्धिदात्री का तेज समाया 
माँ ने आज अदभुत रूप बनाया 

सच्चे मन से जो कोई ध्याता 
हर मनोरथ सिद्ध हो जाता 

नव कन्या के पूजन तक ही न सीमित रहना 
गृहकन्या को भी उचित मान सम्मान देना 

नवदुर्गा के पूजन यही उद्देश्य है बतलाया 

जिसने जीवन में इसे ध्याया 
वो ही माँ का सच्चा भक्त कहलाया 



6 टिप्‍पणियां:

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...जय माता दी..

Rs Diwraya ने कहा…

आपने बहुत अच्छ बात बताई जो समाज मेँ बेटियो से जुङी है । स्वागत है पधारै

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा:
स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।

JEEWANTIPS ने कहा…

Very nice post..
Happy Vijayadashmi

कविता रावत ने कहा…

माँ जगदम्बे की बहुत सुद्नर स्तुति.
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाऐं।

कविता रावत ने कहा…

माँ जगदम्बे की बहुत सुद्नर स्तुति.
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाऐं।