पेज

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लॉग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जायेये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2014

रावण कभी नहीं मरा करते




हर साल रावण को जलाना प्रतीकात्मक संकेत 
मगर फिर भी अंजान रहना इंसानी फ़ितरत से 
नहीं , मुझमें रावण नहीं,  राम है 
फिर क्यों तेरे व्यवहार से जली पडोसी की ऊँगली है 
जब तक ये नहीं जान पाओगे रावण को न मार पाओगे 

जब तक मन रूपी रावण पर 
संयम और संतोष का अंकुश नहीं लगाओगे
रावण का वध सम्भव ही नहीं 

रावण कभी किसी भी युग में नहीं मरा करते 

8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

bilkul sahi

Unknown ने कहा…

bilkul sach

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (04-10-2014) को "अधम रावण जलाया जायेगा" (चर्चा मंच-१७५६) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
विजयादशमी (दशहरा) की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Manoj Kumar ने कहा…

नमस्कार !
बहुत सुन्दर रचना
आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा !
मै आपके ब्लॉग को फॉलो कर रहा हूँ
मेरा आपसे अनुरोध है की कृपया मेरे ब्लॉग पर आये और फॉलो करें और अपने सुझाव दे !

Dr. Rajeev K. Upadhyay ने कहा…

सही बात कही है आपने। स्वयं शून्य

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

बुराई का कोई अन्त नहीं है
इस लिकं पर दृष्टि रखें:

http://disarrayedlife.blogspot.in/2014/10/science-vis-vis-india-part-1.html

Onkar ने कहा…

सच कहा

रश्मि प्रभा... ने कहा…

http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/10/2014-2.html